स्व्तंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये रखे
न हो धर्म कि दीवारे।
वोटो कि न हो राजनीती
सबको हिंदुस्तानी ही बनाये रखे
स्व्तंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये
सन २०१३ का साल उथल पुथल का रहा
सबको दुःख में समेटे,सबको सामने खड़ा रखा
विस्वास एक पहेली है ,इसको सजाये रखे
निर्णय आप सबो के हाथ,वो मंजिल नजदीक आ रही है
स्व्तंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये रखे
मंहगाई मूह चिढ़ा रही है,
भ्रस्टाचार हंस रहा है
दुराचारी सामने खड़ा है ,बलात्कारी बोल रहा है
वोटो के सौदागर अपनी रोटी सेक रहा हैं,मतदाता सोच रहे हैं
मौकापरस्तों कि टोली हटाएं ,
देश में फूल खिल रहा है ,और झाड़ू कि हवा दिख रही है
सवतंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये रखें ।
न हो धर्म कि दीवारे।
वोटो कि न हो राजनीती
सबको हिंदुस्तानी ही बनाये रखे
स्व्तंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये
सन २०१३ का साल उथल पुथल का रहा
सबको दुःख में समेटे,सबको सामने खड़ा रखा
विस्वास एक पहेली है ,इसको सजाये रखे
निर्णय आप सबो के हाथ,वो मंजिल नजदीक आ रही है
स्व्तंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये रखे
मंहगाई मूह चिढ़ा रही है,
भ्रस्टाचार हंस रहा है
दुराचारी सामने खड़ा है ,बलात्कारी बोल रहा है
वोटो के सौदागर अपनी रोटी सेक रहा हैं,मतदाता सोच रहे हैं
मौकापरस्तों कि टोली हटाएं ,
देश में फूल खिल रहा है ,और झाड़ू कि हवा दिख रही है
सवतंत्रता एक खुसी है,इसे बनाये रखें ।
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